खबर छत्तीसगढ़ के गढ्ढापुर से
आपको बता दें छत्तीसगढ़ में एक शहर था अंबिकापुर जिसे जनता ने नाम बदल कर गढ्ढापुर रख दिया है।
गढ्ढापुर की सड़कों के लिए निर्माण विभाग ने 44 करोड़ का बजट पेश किया है जिसको रायपुर भेज दिया गया है।
संभाग मुख्यालय से गुजरने वाला कटनी-गुमला एनएच-43 बदहाल हालत के चलते राहगीरों के लिए सिरदर्द बन गया है। नेशनल हाईवे ने अस्थायी मरम्मत के नाम पर गड्डों में बोल्वार और मुरूम मिट्टी डाल दी है। इससे राहत मिलने की जगह मुसीबत बढ़ गई है। बारिश थमने के बाद वाहनों के गुजरने से मुख्म-मिट्टी से उड़ रही धूल लोगों की आंखों में जा रही है वहीं ! कई लोगों को सांस की परेशानी हो रही है। इस बीच हल्की बारिश से सड़क पर कीचड़ फैल रहा है।
खरसिया चौक से लेकर दरिमा मोड़ और लुक्की घाट तक करीब 5 किमी और गांधी चौक से रेलवे स्टेशन होते हुए सिलफिली तक करीब 15 किमी की सड़क की हालत इतनी खराब है कि गाड़ियां रेंगने को मजबूर हैं। जगह-जगह से टूटी सड़क पर एक से डेढ़ फीट तक गहरे गड्ढे हो गए हैं। लोगों को जान जोखिम में डालकर सफर करना पड़ रहा है। विभाग ने एनएच-43 और एनएच-130 पर 34 किमी सड़क की मरम्मत और रखरखाव के लिए 8 करोड़ 55 लाख रुपए का टेंडर किया है। इतनी राशि में करीब चार करोड़ रुपए ही पेंच वर्क पर खर्च किए जाएंगे, जिससे सड़क की मरम्मत संभव नहीं है। बारिश में सड़क पूरी तरह से उखड़ चुकी है। हैरानी की बात यह है कि इसी सड़क की मरम्मत पर विभाग ने सालभर पहले ही करीब 160 लाख रुपए खर्च किए थे। पीडब्ल्यूडी ने एनएच के गड्डों को भरा था, जो सालभर भी नहीं टिक पाया।